ग्रुप(समूह) का उद्देश्य

1. जुनून (Crazy):- ग्रुप बहुत बनते हैं। आप बहुत से सामाजिक ग्रुप्स में जुड़े हुए होंगे। ये भी उनमें से एक हैं। शुरू में एक-दो महीने जुनून रहता हैं। फिर वही ढाक के तीन पात हो जाता हैं। इस ग्रुप में केवल समर्पित कार्यकर्ता जुड़े, जिससे सामाजिक मुद्दे की अच्छी पैरवी हो सके।

2. जागरूकता(Awareness):- ग्रुप का सामान्य उद्देश्य हैं सिर्फ और सिर्फ कमजोर/वंचित वर्गों में विशेषकर SC/ST एक्ट एवं RTI एक्ट के प्रति जागरूकता पैदा करना। उनको अधिकारों के बारे में जागरूक करना।

3. भ्रांतियां:- कुछ बंधु ये समझ बैठे हैं की यहाँ कुछ आर्थिक सहायता का प्रावधान भी हैं। इस बारे में कोई गलत फ़हमी नही रखें। ऐसा कोई प्रावधान/प्रयास इस ग्रुप का बिलकुल भी नही है। केंद्र/राज्य सरकार के नियमानुसार जो भी प्रावधान हैं उसके बारे में समाज/पीड़ित को जागरूक करना हैं।

4. ग्रुप सदस्य की भूमिका:- कुछ सदस्य ये भी समझ बैठे हैं कि ग्रुप के सदस्य अपनी रोजी-रोटी/धंधा/व्यवसाय छोड़कर केवल इसी कार्य मे निःशुल्क लग जाये तो वो भी सम्भव नही है। जैसे किसी कोर्ट/संस्था में पैरवी/पत्राचार निःशुल्क करें ये संभव नही हैं। हम किसी दूसरे समाज या सामान्य व्यक्ति को जो शुल्क दे रहे हैं उससे कम शुल्क में ही सही समाज के व्यक्ति को दे सकते हो वो भी हमारे समाज का हैं। उसकी भी रोजी रोटी का भी सवाल हैं।

5. समूह के मुददे:- मुझे लगता हैं यहाँ हमे छोटे छोटे मुद्दे नही रखने चाहिए। परंतु कुछ समय से देख रहे हैं ऐसे मुद्दे जिनका कोई औचित्य नही हैं फिर भी लोग पोस्ट कर देते हैं। ऐसे में ग्रुप में सभी बंधु ऐसे सहज अनुभव नही करते हैं और फिर ग्रुप का उद्देश्य भटक जाता हैं। यहा पर गंभीर प्रकृति के अपराध (302,307,354,376 IPC, संपत्ति, Sc/St एक्ट,अन्य विभागों से सबंधित) जो SC/ST समाज के विरुद्ध हो रहे हैं। उनको चर्चा और पैरवी के लिए रखा जा सकता हैं।

6. लोक सेवक की भूमिका:- हम किसी भी अधिकारी/कर्मचारियों से विधिक जानकारी और कानून सम्मत एप्रोच के अलावा ज्यादा अपेक्षा नही करें। कर्मचारी/अधिकारी की अपनी कुछ मजबूरी/विवशता के कारण सीमित दायरे में ही मदद कर सकतें हैं। कुछ अधिकारी अभी जो सक्रिय हैं हो सकता हैं बाद में अन्य जगह(फील्ड)में पदस्थापन पर ग्रुप में इतना समय नही निकाल सकें।इसीलिए प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी बनती हैं वो सक्रिय भूमिका में काम करें।

7. सामाजिक कार्यकर्ता:- ग्रुप का सम्पूर्ण दायित्व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर है। पीड़ित की कितनी ओर कहा तक सहायता (आर्थिक नही)करते हैं। ये कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर निर्भर करता हैं। किसी भी संस्था में पीड़ित को साथ लेकर परिवेदना को यथा जगह पहुचाना। परिवेदना का उचित हल/निवारण नही होने पर लोकतांत्रिक तरीके से कानून सम्मत ज्ञापन/सांकेतिक धरना/प्रदर्शन करना आदि।

8. मीडिया की भूमिका :- ग्रुप के सदस्य जो मीडिया से जुड़े हैं उन बंधुओं से अनुरोध हैं की समाज के मुद्दों को वाजिब तरीक़े से मीडिया में रखें। जब तक समस्या का समाधान नही हो जाता मुद्दे को समय समय पर जीवित रखें/करें।

9. समाज का युवा :- जब तक समाज का युवा बहकावे में आकर अहितकारी संगठनों में संलिप्त होकर अपनी ऊर्जा अनावश्यक खर्च करता रहेगा तो समाज का कोई फायदा नही होगा। आज के समय की ये ज्वलंत समस्या भी हैं। हमारी सबकी जिम्मेदारी बनती हैं इन समाज के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़े।

10. सामाजिक बाधाएं :- SC/ST समाज मे धार्मिक अन्धविश्वास, परंपरागत कुरीतियों, आपराधिक गतिविधियों, नशीली चीज़ों का सेवन आदि से फिजूलखर्ची बहुत बढ़ रही हैं। इनको कम करना ही असली चुनौती हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना ही ध्येय होना चाहिए।

11. आपसी तालमेल :- हम सभी मे आपस मे छोटे छोटे मुद्दों से मतभेद हो सकते हैं लेकिन मुख्य लक्ष्य के लिए मनभेद नही करने चाहिए हैं। कई बार sc/st के लोग भी अन्य लोगों के बहकावे में आकर मनभेद/मुकदमेबाजी में उलझ जाते हैं। ये हमारे बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए छोटी छोटी रुकावटें दूर करनी है ओर एक नए समाज ओर देश का निर्माण करना है।